वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-उमेश पाल हत्याकांड का नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। गली के अंदर गोली मारने का वीडियो सामने आया है। इसमें शूटर असद से उमेश पाल गोली लगने के बाद भी भिड़ गया था। इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज में पुलिसकर्मी भागते हुए दिखाई दे रहा है।
प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में 20 दिन बीत जाने के बाद एक और नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, फुटेज एक गली में लगे सीसीटीवी कैमरे का है। फुटेज में दिखाई दे रहा है कि उमेश पाल गोली लगने के बाद भी माफिया अतीक के बेटे और शूटर असद से भिड़ गया था।
इसके बाद असद गिर जाता है, उमेश वहां से बचकर छिपने की कोशिश करता है। असद फिर से आता है और गोली चलाता है। इसी दौरान एक मकान से निकलकर लड़की उधर जाती है, लेकिन वह गोलीबारी देख वापस भाग आती है।
लड़की उमेश के घर वारदात की जानकारी देती है। इसी बीच, गोली लगने के बाद भी उमेश गली में बने एक मकान में घुसने की कोशिश करता है। सीसीटीवी फुटेज में शूटर असद अपनी पिस्टल को खोंसते हुए दिखाई दे रहा है।
इसके कुछ सेकंड बाद गोली लगने से जख्मी गनर राघवेंद्र भी गली में भागता दिखाई दे रहा है। पीछे से गुड्डू मुस्लिम उस पर बम फेंक देता है। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो जाता है। आपको बता दें कि 24 फरवरी को पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पांच शूटर अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर
दो सरकारी गनर भी गोलीबारी में मारे गए थे। आपको बता दें कि उमेश की हत्या करने आए बदमाशों ने तीन गाड़ियों का इस्तेमाल किया था। दो बाइक और एक क्रेटा गाड़ी में बदमाश आए थे। हत्याकांड में शामिल दो आरोपी अब तक मुठभेड़ में मार गिराए गए हैं। जबकि पांच शूटर अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।
अतीक के भाई अशरफ ने तैयार किया पूरा प्लान
माफिया अतीक अहमद का बेटा असद भी अभी तक फरार है, जांच में सामने आया है कि गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद ने उमेश पाल को मारने का फरमान जारी किया था। बरेली जेल में बंद माफिया अतीक के भाई अशरफ ने पूरा प्लान तैयार किया था।
आपको बता दें कि 2005 में हुई विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उनके रिश्तेदार और दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उमेश ने लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में राजू पाल हत्याकांड की पैरवी की थी। इसी कारण अतीक गिरोह से उनकी खुलेआम दुश्मनी हो गई थी। कचहरी में गवाही देने गए उमेश का 28 फरवरी 2008 को अपहरण कर लिया गया था।
गोली लगने से गिरने के बाद उठकर घर की ओर भागे उमेश
24 मार्च शुक्रवार को करीब साढ़े चार बजे वे कार से वापस सुलेमसराय, धूमनगंज स्थित अपने घर के लिए चल दिए। जैसे ही गेट पर गाड़ी रोककर उमेश उतरे, पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। उमेश गोली लगने से गिरने के बाद उठकर घर के भीतर भागे। साथ में उनकी सुरक्षा में लगे दोनों सिपाही भी उन्हें बचाने के लिए घर के अंदर भागे।
लेकिन, हमलावरों ने दुस्साहस का परिचय देते हुए घर के अंदर घुसकर स्वचालित हथियारों से लगातार गोलियां बरसाईं। इस दौरान बदमाशों ने बम भी चलाए। बम और गोलियों की बौछार से इलाका थर्रा गया। हमलावर वहां से बाइक से फरार हो गए। उमेश पाल, सिपाही संदीप और राघवेंद्र लहूलुहान पड़े थे।
इलाज के दौरान सिपाही राघवेंद्र ने तोड़ दिया था दम
तीनों को एसआरएन हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने करीब एक घंटे बाद उमेश पाल को मृत घोषित कर दिया। आजमगढ़ निवासी एक सुरक्षागार्ड संदीप निषाद की भी चिकित्सकों ने मौत की पुष्टि कर दी थी। हालांकि कई दिन उपचार के बाद दूसरे सिपाही राघवेंद्र की भी मौत हो गई।